डॉक्टर साहब के मित्रों ने उन्हें सलाह दी कि ग्राम पंचायत का चुनाव ना लड़ें क्योकि इस चुनाव में बहुत सारे गंवई मुद्दे उठ खड़े होते हैं। इनका सामना डॉक्टर साहब नहीं कर पाएंगे।
पर उन्होंने किसी की न मानी और लड़ गए। हो वही रहा था जिसकी आशंका थी। डॉक्टर साहब हारने की कगार पर थे। चुनाव अगले दिन था और डॉक्टर साहब ने अपने सभी मरीजों को बुलाया और संक्षेप में कहा,
‘मैंने आपलोगों की बड़ी सेवा की है, परन्तु मैं जानता हूँ कि आपलोग मुझे हीं हराने पर तुले हैं। ठीक है, परन्तु’, आवाज में गरमाहट लाते हुए उन्होंने कहा ‘अमेरिका के एक डॉक्टर ने एक ऐसी सूई अपने मरीजों को लगा दी जिससे महिलाएँ बाँझ हो गईं और पुरुष नपुंसक। अब आप जा सकते है।’
कमरे से बाहर निकलते वक्त सभी गंभीर थे।
परिणाम निकला और डॉक्टर साहब निर्वाचित घोषित हो गये। सुना है कि अब ब्लाक प्रमुख बनने के लिए कमर कसने लगे हैं।- डॉ.अनिल यादव
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